मैं, Gujrat, कई बार, बनता- बिगड़ता रहा, लेकिन हर बार, उठ खड़ा हुआ- सोमनाथ मंदिर की तरह। मेरे लोगों ने, सालों तक सूखा भी देखा, साइक्लोन और भूकंप ने कई बार, मुझे तबाह किया, लेकिन मेरी आवाम हर बार, मेरे साथ डटकर खड़ी रही। मुझे अपनी धरती पर, क्यों ना गर्व हो, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, से लेकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इसी धरती से जन्मे हैं। मेरे विकास की यात्रा, आजादी से पहले ही शुरू हो चुकी थी। जब इस्ट इंडिया कंपनी ने, सूरत में अपना पहला कारखाना बनाया। इसके बाद स्वतंत्रता का वो, युग शुरू हुआ, जब मैं- महात्मा गांधी, मोरारजी देसाई, सरदार वल्लभभाई पटेल, जैसे कई नेताओं की लीडरशिप में सत्याग्रह जैसे विद्रोहों का अग्रदूत बना। भारत की आजादी के कुछ साल बाद, 1960 में, मेरे लोगो ने खुद के लिए नया राज्य बनवाने का फैसला लिया था। और इस तरह, मैं 1 मई, 1960 को असतित्व में आया। इससे पहले, मैं बॉम्बे राज्य का हिस्सा था।
मेरे नामी चेहरों और आम जनता की बदौलत, आज मैं, भारत के सबसे अमीर राज्यों में से एक हूं। विकसित हूं। सोमनाथ, द्वारकाधीश, स्वामी नारायण अक्षरधाम, बाल हनुमान और सूर्य मंदिर जैसे कई तीर्थस्थल मेरी धरती को पावन बनाते हैं। मेरे लोगों का ईमानदार स्वभाव और मेहनत, मुझे हर रोज तरक्की की ओर ले जा रही है। जिसकी बदौलत, देश की जीडीपी में मेरी, हिस्सेदारी 9 फीसदी से ज्यादा है। भारत के सबसे ज्यादा industrialized राज्यों में से एक होना, मेरे लिए शान की बात है। Textiles, कैमिकल्ज, Jewelry और ऑटोमोबिल इंडस्ट्री, के टॉप कोरपोरेट हाउस, यहां हैं। टाटा मोटर्स, फोर्ड और सुजुकी सहित कई प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों की वजह से, आज मैं, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट का हब बन गया हूं।
अमूल, जो कि देश का फेमस डेयरी ब्रांड है, इसकी शुरुआत, मेरी ही धरती से हुई थी। सूरत को देश का सबसे अमीर शहर माना जाता है। क्योंकि मैं, हीरे के बिजनेस में दूसरे स्थान पर हूं। मेरा यह शहर दुनिया भर के करीब 80% हीरे को रिफाइन करता है। आज अपने स्थापना दिवस पर, मैं, अपने राज्य की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियों का जश्न मना रहा हूं। मैं, अपने लोगों को उनके योगदान, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के लिए, धन्यवाद कहना चाहूंगा और उम्मीद करता हूं कि भविष्य में भी, ये यूं ही मेरा गौरव, बनते रहेंगे।